PM Modi का नया संकल्प, अयोध्या बनेगा ‘मॉडल सोलर सिटी’
प्रधानमंत्री Narendra Modi ने आज गांधीनगर से एक बड़ा संकल्प लिया और देश के 17 शहरों को सोलर सिटी बनाने की घोषणा की। इस दौरान PM Modi ने कहा कि अयोध्या को एक ‘मॉडल सोलर सिटी’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के 140 करोड़ भारतीयों ने भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है।
गांधीनगर में ‘PM सूर्या घर: फ्री इलेक्ट्रिसिटी स्कीम’ के लाभार्थियों से बातचीत
PM Modi ने आज गांधीनगर में ‘PM सूर्या घर: फ्री इलेक्ट्रिसिटी स्कीम’ के लाभार्थियों से बातचीत की। इस मौके पर उन्होंने गांधीनगर में ‘ग्लोबल रिन्यूएबल एनर्जी इन्वेस्टर मीट एंड एग्जिबिशन’ (RE-Invest 2024) के चौथे संस्करण का भी उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में हमने देश के तेजी से विकास के लिए हर क्षेत्र की चुनौतियों से निपटने की कोशिश की है। इसी दौरान PM Modi ने अयोध्या के लिए एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी बनाने का काम तेजी से चल रहा है।
अयोध्या का सोलर सिटी बनने का सपना
प्रधानमंत्री Modi ने अपने संबोधन में कहा, “अयोध्या भगवान राम की जन्मभूमि है और वह ‘सूर्यवंशी’ थे। अयोध्या में एक भव्य मंदिर का निर्माण हो चुका है, लेकिन अयोध्या अब एक मॉडल सोलर सिटी बनने की दिशा में भी आगे बढ़ रही है। अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी बनाने का काम लगभग पूरा हो चुका है।” उन्होंने बताया कि देश में ऐसे 17 शहरों की पहचान की गई है, जिन्हें सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा।
सौर ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा में भारत की प्रगति
PM Modi ने कहा कि भारत की विविधता, उसकी क्षमता, संभावनाएं और प्रदर्शन सभी अनोखे हैं। इसी वजह से वह कहते हैं, ‘भारतीय समाधान, वैश्विक अनुप्रयोगों के लिए’, और दुनिया भी इसे समझ रही है। आज न केवल भारतीय बल्कि पूरी दुनिया सोच रही है कि 21वीं सदी में भारत सबसे अच्छी शर्त है।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे ज्यादा निवेश अब भारत में हो रहा है क्योंकि भारत अपनी रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ आर्थिक रूप से भी मजबूत हो रहा है। प्रधानमंत्री ने बताया कि कैसे भारत के पास सौर ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी क्षमता है और आने वाले समय में यह देश ऊर्जा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने जा रहा है।
17 शहरों को सोलर सिटी बनाने का मिशन
अयोध्या को मॉडल सोलर सिटी बनाने के साथ ही प्रधानमंत्री ने 17 शहरों को सोलर सिटी के रूप में विकसित करने की घोषणा की। ये शहर सौर ऊर्जा के इस्तेमाल से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेंगे। यह न केवल पर्यावरण को संरक्षित करेगा बल्कि इन शहरों को आत्मनिर्भर भी बनाएगा। सोलर सिटी बनने से इन शहरों में बिजली की कमी को दूर करने में भी मदद मिलेगी और नागरिकों को सस्ती और स्थायी ऊर्जा मिलेगी।
गुजरात की सौर ऊर्जा में अग्रणी भूमिका
इस अवसर पर गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बताया कि PM Modi के नेतृत्व में गुजरात नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य के रूप में उभर कर सामने आया है। उन्होंने कहा कि राज्य की रिन्यूएबल एनर्जी पॉलिसी और ग्रीन हाइड्रोजन पॉलिसी राज्य सरकार की हरित भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। गुजरात की नवीकरणीय ऊर्जा की स्थापित क्षमता 50,000 मेगावाट से अधिक है, जिसमें से 54 प्रतिशत ऊर्जा राज्य की कुल ऊर्जा क्षमता में नवीकरणीय स्रोतों से आती है। गुजरात सौर ऊर्जा की स्थापना में देश में सबसे आगे है।
सौर ऊर्जा: भविष्य की ऊर्जा
सौर ऊर्जा को भविष्य की ऊर्जा माना जा रहा है। जैसे-जैसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोत कम होते जा रहे हैं, सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोत तेजी से प्रमुखता हासिल कर रहे हैं। सोलर पैनल की स्थापना से न केवल ऊर्जा की कमी को पूरा किया जा सकता है, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है। सौर ऊर्जा का उपयोग करके घरों, उद्योगों और संस्थानों में बिजली की जरूरतों को पूरा किया जा सकता है, जिससे बिजली के खर्च में भी कमी आएगी। इसके साथ ही, यह पर्यावरणीय नुकसान को भी कम करता है क्योंकि इससे कार्बन उत्सर्जन नहीं होता।
वैश्विक स्तर पर भारत की ऊर्जा नेतृत्व की ओर बढ़त
प्रधानमंत्री Modi ने कहा कि आज दुनिया में भारत के विकास और उसकी ऊर्जा क्षमता को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण है। भारत न केवल अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर रहा है, बल्कि वह वैश्विक स्तर पर भी ऊर्जा के क्षेत्र में नेतृत्व कर रहा है। भारत के पास सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अत्यधिक क्षमता है और देश के विभिन्न हिस्सों में तेजी से सोलर पैनल की स्थापना की जा रही है।
सोलर सिटी बनने के फायदे
सोलर सिटी बनने के कई लाभ हैं। सबसे पहले, यह शहरों को आत्मनिर्भर बनाएगा। उन्हें बाहरी ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। दूसरा, यह बिजली की कीमतों को नियंत्रित करने में मदद करेगा। तीसरा, यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल होगा क्योंकि सौर ऊर्जा से कार्बन उत्सर्जन नहीं होता। चौथा, यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए एक स्वच्छ और हरित ऊर्जा स्रोत प्रदान करेगा।